Wednesday, October 15, 2014

Tension

एलार्म बजा घड़ी का, धम्म से हुई आवाज़ , लगा भूकंप आया, पर न, यह तो पत्नी का पैर धरती  पर आया l
तुरन्त हलचल,हुई कमरे में, बड़बड़ की थी आवाज़ l
मैंने बड़े ही नम्र भाव से पूछा , प्रिय क्या हुई है बात l
बोली! तुम्हें क्या पता ? मुझे चैन नही आ रहा ,
सुबह से ही मैं टेनशन से भरी जा रही हूँ l
मैंने कहा , क्या! मरी जा रही ?
देखा! तुम तो यही सुनोगे, तुम्हें क्या-----
मैंने कहा- ठीक है, मुझे क्या पर क्या बात है, जो 
तुम टेंशन से भरी जा रही हो l
बोली- यही तो पता नहीं है ,मै तुम से पूछ रही हूँl
अच्छा.........l
तभी देखा पत्नी तेजी़ से कमरे से बाहर
थोड़ी देर में फिर सुनी बर्तनों की झंकार l
लगा आज सूरज कुछ तेज़ी से चल रहा है,
किचन में जाकर देखा तो अभी तक बर्तनों में ताडंव चल रहाl
मैंने फिर प्यार से पूछा , प्रिय क्या हुआ ?
उधर से फुंकार आई, चुप रहो ,
बस यही पूछ रहे हो क्या हुआ ,
क्या तुम्हें दिखता नहीं मैं टेंशन में हूँl
मैंने कहा, अच्छा तो तुम टेंशन में हो,
हाँ, अब पता चलाl
पर क्यों ?
यही तो पता कर रही हूँ,
कहीं चैन नहीं मिल रहाl
मैंने कहा , थोड़ा आराम कर लो,
सब टेंशन दूर हो जाएगाl
गर्जना के साथ एक काया हिली और देखा ,
तो मैं धक्के के साथ नीचे गिरा थाl
बोली आराम ! अरे आराम तो हराम है आज
मैंने कहा- तो कल सोचकर आराम करलो आज l
चीख के साथ आवाज़ थी, चु़.…...प
मैं घबरा कर स्तब्ध रह गया,
कुछ देर को तो हुई शान्ति, मैंने साँस ली l
तभी नर्म आवाज़  कानों में पड़ी ,
आज क्लब में प्रतियोगिता है,
पता नहीं कौन बनेगी Autumn Queen?
मैं क्या पहनू, कैसे सजू जो बनूँ Queen.
मैंने लम्बी साँस ली और कहा ,तो इस बात की टेंशन है,
उसने प्यार से सिर हिलाया,
मैंने कहा तुम जाना ही नहीं
सब ठीक हो जाएगा l
यह क्या! बिजली चमकी ,आँखों से अंगारे बरसे और ललकार सुनी,
तुम तो यही चाहोगे कि मैं भाग न लूँl
नहीं प्रिय! तुम्हारी टेंशन को देखकर मैंने कहाl
यह दृश्य मुन्ना देख रहा था,
जो अभी तक इसे सपना समझ रहा था l
धीरे से उठा ,चुपके से दादी के पास पहुँचा ,
देखा तो दादी राम-राम जप रही थीं l
मुन्ने ने प्यार से दादी से इशारे से पूछा ,
यह क्या है?
दादी ने राम-राम जपते कहा , यह टेंशन है l
मुन्ने ने पूछा , यह टेंशन क्या है?
बेटा! ये टेंशन ही, टेंशन हैl
मुन्ना- दादी समझ में नहीं आ रहाl
दादी- बेटा मुझे भी समझ में नहीं आ रहा l
क्या होगा , मुन्ना सोच-सोच कर टेंशन में था
कि आखिर ये टेंशन क्या है?
पूरा घर का वातावरण टेंशन से भरा था
और यही से एक दिन का सवेरा हो रहा था l
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1 comment:

  1. Well done munni di, sadiyoon se he har ghar ke yehi tension chalti aa rahi hai par pati ko samajh mein nahi aa raha hai. Aur bhavishya main samajh mein ayega, sambhavana kam he hai. Lagta hai Bill Gods ko pati ke re program karna padega

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