Sunday, November 23, 2014

Education (कव्वाली)

ये आजकल की एजुकेशन ने जीना दुशवार किया
जब हम छोटे बच्चे थे,
घर में ही ये प्रारंभ हुआ,
मम्मी बोली A से एपल,
पापा ने B से बॉल कहा,
चाची भी चुप नहीं बैठी ,
उन्होंने C का  ज्ञान दिया,
बोली C से होती बिल्ली,
Dसे Donkey का ज्ञान हुआ
इस A B C D के चक्कर में,
सुनहरा बचपन बीत गयाl
ये आजकल की ...........l
तीन बरस के होते ही,
विद्यालय को प्रस्थान किया,
और वहाँ क्या था ?
अनुशासन ही अनुशासन था ,
आगे पीछे अनुशासन था,
मम्मी भी चुप नहीं बैठी,
घर में अनुशासन लगा दिया ,
फिर क्या था ?
स्कूल में अनुशासन था,
घर में भी अनुशासन था,
इस अनुशासन के चक्कर में
जीना हमको दुशवार हुआ
ये आजकल की ..........l
पढ़ते -लिखते,लिखते- पढ़ते,
खेलों को हमने त्याग दिया,
और क्या किया ?
मास्टर जी के घर में जाकर
विज्ञान का Lesson याद कियाl
हिन्दी, इंग्लिश, इतिहास ,गणित,
विज्ञान ने बस्ता जाम किया
भारी किताबें पढ़-पढ़कर
आँखों पे चश्मा सजा लिया
ये आजकल की ...….......l
दिल खोल के सारा हमने अपना
आपके सामने रख दिया,
जो-जो हमने अबतक झेला
वो सारा हमने बता दिया l
हे!बच्चों के अभिभावक गण
तुम ही अब कुछ उद्धार करो
खेलें कूदे देखें TV
और साथ में लैपटौप पास रहेl
करते विनती तुमसे इतनी
थोड़ी-सी help किया करो,
जब स्कूल से होमवर्क मिले
उसको घर में कर दिया करो l
ये आजकल की एजुकेशन ने जीना दुशवार किया l
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